देहरादून। समग्र शिक्षा के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के वार्षिक बजट एवं गतिविधियों के अनुमोदन हेतु दिनांक 03 मार्च, 2023 को भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के लिए
प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गयी। भारत सरकार की ओर से सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार द्वारा राज्य के द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की गयी। समीक्षा में विगत वर्षों के बजट के उपभोग के साथ ही राज्य के शैक्षिक सूचकांक पर भी विचार विमर्श किया गया ।
भारत सरकार द्वारा विभिन्न मदों प्रस्तावित गतिविधियों की समीक्षा के बाद राज्य को समग्र शिक्षा के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 के लिए रू. 1123.92 करोड़ की धनराशि स्वीकृति प्रदान की गयी। यह धनराशि वित्तीय वर्ष 2022 – 23 के लिए कुल स्वीकृत रू. 972.00 करोड़ के सापेक्ष लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत बजट में आवासीय छात्रावास, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास निर्माण कार्य, डिजिटल लर्निंग, नवाचारी गतिविधियां, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, बाल वाटिका, शिक्षक शिक्षा, अध्यापक प्रशिक्षण, निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, निःशुल्क गणवेश, व्यावसायिक शिक्षा दिव्यांग बच्चों से
सम्बन्धित गतिविधियों, विद्यालयी शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाये जाने से सम्बन्धित गतिविधियों हेतु अनुमोदित की गयी है।
सचिव भारत सरकार द्वारा राज्य में संचालित किये जा रहे नेता जी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास के भ्रमण में इसके उत्कृष्ठ संचालन के लिए सराहना की गयी। साथ ही उनके द्वारा राज्य से अपेक्षा की गयी कि राजकीय विद्यालयों में कम हो रहे नामांकन के कारण ढूंढ जायं एवं प्रयास किये जायं कि राजकीय विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि हो सके। सचिव, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा जानकारी दी गयी कि वर्ष 2021-22 में राजकीय विद्यालयों का नामांकन लगभग विगत वर्ष की तुलना में 7.0 प्रतिशत बढ़ा है तथा राज्य सरकार राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाये
जाने हेतु प्रयासरत् है,तथा राज्य के संसाधनों के अन्तर्गत छात्रवृत्ति योजना विद्यालयों में भौतिक संसाधनों की अपूर्ति, विद्यालयों को आकर्षक स्वरूप प्रदान करना आदि क्षेत्रों में राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिया गया है तथा शीघ्र क्रियान्वित कर लिया जायेगा। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में बच्चों की ट्रैकिंग, छात्र – अध्यापक दैनिक उपस्थिति, कक्षा-कक्ष, शिक्षण के लाइव मोनिटरिंग जैसे कार्यों हेतु इसी वित्तीय वर्ष में विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित कर लिया जायेगा। राज्य का प्रयास है कि विद्या समीक्षा केन्द्र में स्कूल प्रबन्धन, ऑन-लाईन स्थानान्तरण आदि को भी सम्मिलित किया जाय। भारत सरकार द्वारा शिक्षकों केरिक्त पदों पर नियुक्ति पर की गयी पृच्छा के क्रम में जानकारी दी गयी कि राज्य सरकार द्वारा नियमित नियुक्ति होने तक इन पदों पर अधिकांशतः अतिथि शिक्षक नियुक्त किये गये हैं, इसलिए पठन-पाठन व्यवस्थित रूप से चल रहा है। जहां पद रिक्त हैं उनमें नियुक्ति हेतु प्रक्रिया गतिमान है। बैठक में भारत सरकार के अधिकारियों के साथ ही राज्य स्तर से सचिव, विद्यालयी शिक्षा, रविनाथ रमन, राज्य परियोजना निदेशक वंशीधर तिवारी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड सीमा जौनसारी, रामकृष्ण उनियाल, अपर निदेशक, महानिदेशालय, विद्यालयी शिक्षा, आर. डी. शर्मा, अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी., डॉ० मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड, आकाश सारस्वत, उप राज्य परियोजना निदेशक एम. एम. जोशी, उप राज्य परियोजना निदेशक एवं अन्य अधिकारी / समन्वयक उपस्थित रहे। भारत सरकार के साथ हुई इस बैठक में उत्तराखंड शिक्षा विभाग की तरफ से जो प्रस्तुतीकरण किया गया, वह अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डॉ मुकुल सती के द्वारा किया गया।
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