UTTRAKHAND NEWS

Big breaking :-UCC क़ो लेकर बड़ी खबर, ड्राफ्ट हुआ फाइनल, आज डेढ़ बजे दिल्ली में कमेटी की PC

NewsHeight-App

 

 

UCC क़ो लेकर बड़ी खबर सामने आई है  जी हां यूसीसी के लिए बनाई गई कमेटी ने  अपना काम पूरा कर दिया है ऐसे में आज दोपहर 1:30 बजे  दिल्ली में  कमेटी के अध्यक्ष  रंजना देसाई  और उनके सदस्यों द्वारा  एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई है जिसमें कमेटी को मिले सुझाव  के बारे में भी बताएंगे वही  जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी इसका ड्राफ्ट सौंप दिया जाएगा जिसके बाद माना जा रहा है सरकार इसको कैबिनेट में लाकर लागू करने का फैसला कर लेगी

 

 

UCC : बढ़ सकती है लड़कियों की शादी की उम्र, बहुविवाह और हलाला पर लगेगी रोकराष्ट्रीय विधि आयोग के अलावा यूसीसी लागू करने का एलान कर चुकी गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार को भी उत्तराखंड के यूसीसी ड्राफ्ट का इंतजार है।उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।

 

 

 

राष्ट्रीय विधि आयोग के अलावा यूसीसी लागू करने का एलान कर चुकी गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार को भी उत्तराखंड के यूसीसी ड्राफ्ट का इंतजार है।जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समिति से 30 जून तक रिपोर्ट प्राप्त होने की अपेक्षा की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट जुलाई माह के पहले हफ्ते में सौंपी जा सकती है। जानकारों का मानना है कि जस्टिस देसाई कमेटी की रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रीय विधि आयोग सक्रिय हुआ। कमेटी की तरह ही आयोग ने यूसीसी पर सुझाव मांगने शुरू किए हैं। कमेटी के साथ आयोग के अध्यक्ष व सदस्य एक बैठक नई दिल्ली में कर चुके हैं। यूसीसी की रिपोर्ट भी विधि आयोग के लिए मददगार होगी। भाजपा शासित मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है। दोनों राज्यों को भी इस रिपोर्ट का इंतजार है।

 

 

ड्राफ्ट को दिया जा रहा है अंतिम रूप
विशेषज्ञ समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुट गई है। मई 2022 में समिति का गठन हुआ था। गठन से लेकर अब तक समिति ढाई लाख से अधिक सुझाव ऑनलाइन और
ऑफलाइन माध्यम से प्राप्त कर चुकी है। सभी 13 जिलों में हितधारकों के साथ सीधे संवाद कर चुकी है। नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों से भी चर्चा हो चुकी है।

 

 

प्रधानमंत्री के बयान से धामी उत्साहित
यूसीसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान कि देश को दो कानूनों से नहीं चलाया जा सकता है, को लेकर सीएम धामी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यूसीसी पर भारत के संविधान की मूल भावना के अनुरूप ही निर्णय होने हैं। समिति इस पर काम कर रही है। सबके हित में निर्णय आएगा। उत्तराखंड से इसकी शुरुआत हुई है। देवभूमि इसकी अगुआई कर रही है। हमारी यह अपेक्षा है कि आने वाले समय में देश भर में यूसीसी लागू हो।

समान नागरिक संहिता से आएगा इन मामलों पर असर
शादी की उम्र: यूसीसी में सभी धर्मों की लड़कियों की विवाह योग्य उम्र एक समान करने का प्रस्ताव है। पर्सनल लॉ और कई अनुसूचित जनजातियों में लड़कियों की विवाह की उम्र 18 से कम है। यूसीसी के बाद सभी लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ सकती है।
विवाह रजिस्ट्रेशन : देश में विवाह को पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है। यूसीसी में सुझाव है कि सभी धर्मों में विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इसके बिना सरकारी सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा।

बहुविवाह : कई धर्म और समुदाय के पर्सनल लॉ बहुविवाह को मान्यता देते हैं। मुस्लिम समुदाय में तीन विवाह की अनुमति है। यूसीसी के बाद बहु-विवाह पर पूरी तरह से रोक लग सकती है।
लिव इन रिलेशनशिपः इसके लिए घोषणा करने के बाद अभिभावकों को भी बताना होगा। इसके साथ सरकार को ब्योरा देना जरूरी हो सकता है।
हलाला और इद्दत खत्म: मुस्लिम समाज में हलाला और इद्दत की रस्म है। यूसीसी के कानून बनाकर लागू किया तो यह खत्म हो जाएगा।
तलाक : तलाक लेने के लिए पत्नी व पति के आधार अलग-अलग हैं। यूसीसी के बाद तलाक के समान आधार लागू हो सकते हैं।
भरण-पोषण: पति की मौत के बाद मुआवजा राशि मिलने के बाद पत्नी दूसरा विवाह कर लेती है और मृतक के माता-पिता बेसहारा रह जाते हैं। यूसीसी का सुझाव है कि मुआवजा विधवा पत्नी को दिया जाता है, तो बूढ़े सास-ससुर के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी उस पर होगी। वह दूसरा विवाह करती है तो मुआवजा मृतक के माता-पिता को दिया जाएगा।
गोद लेने का अधिकार: यूसीसी के कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार मिल जाएगा।
बच्चों की देखरेख : यूसीसी में सुझाव है कि अनाथ बच्चों की गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान व मजबूत बनाया जाए।
उत्तराधिकार कानून: कई धर्मों में लड़कियों को संपत्ति में बराबर का अधिकार हासिल नहीं है। यूसीसी में सभी को समान अधिकार का सुझाव है।
जनसंख्या नियंत्रण: यूसीसी में जनसंख्या नियंत्रण का भी सुझाव है। इसमें बच्चों की संख्या सीमितकरने, नियम तोड़ऩे पर सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित करने का सुझाव है।
सुझावों, संवादों और चर्चाओं का विश्लेषण करने के बाद समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रदेश सरकार ने 30 जून तक रिपोर्ट की अपेक्षा की है। ड्राफ्ट तैयार करने का काम तकरीबन पूरा हो चुका है।
– शत्रुघ्न सिंह, सदस्य, विशेषज्ञ समिति

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top