बांग्लादेशी गिरफ्तार: टूरिस्ट वीजा पर भारत आया, परवार चढ़ा प्यार…फिर प्रेमिका संग यहीं सचिन बनकर रह गया ममून
रीना भले अपने पति सचिन से दूर हो गई लेकिन उसके नाम पर ममून का आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवा दिए।
बांग्लादेशी युवक ममून हसन (28) ने फेसबुक के जरिये त्यूणी में रहने वाली रीना चौहान से दोस्ती की। इसके बाद टूरिस्ट वीजा पर बार-बार देहरादून आकर प्रेम को परवान चढ़ाया। फिर रीना को अवैध रूप से बांग्लादेश ले जाकर निकाह रचा लिया।
बाद दोनों बार-बार अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर बांग्लादेश और देहरादून आते-जाते रहे। हैरत की बात यह भी है कि देहरादून में ममून ने फर्जी आधार कार्ड से अपना नाम सचिन चौहान रख लिया और उसके सहारे शहर के एक क्लब में बाउंसर की नौकरी भी करने लगा। पति-पत्नी दून में अलग-अलग जगहों पर किराये पर रह रहे थे। ये अलग बात है कि दून पुलिस को उनकी भनक लग गई। बृहस्पतिवार रात दोनों को गिरफ्तार कर उनकी कारगुजारियों का पर्दाफाश कर दिया।
पूछताछ में पता चला है कि रीना भले अपने पति सचिन से दूर हो गई लेकिन उसके नाम पर ममून का आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवा दिए। अब पुलिस इस फर्जीवाड़े में उसकी सहायता करने वालों की तलाश कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि रीना और ममून ने फर्जी दस्तावेज के जरिये देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम तो नहीं दिया। हालांकि अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं आई है। दोनों को अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उनके बारे में उन केंद्रीय एजेंसियों को भी आगाह कर दिया है जो बॉर्डर से घुसपैठ पर नजर रखती हैं
फेसबुक के सहारे बनी बेगम, बार-बार बॉर्डर पार किया
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत शहर में अवैध व फर्जी तरीके से नाम-पता बदलकर रहने वालों के खिलाफ सघन जांच अभियान के चलते दोनों को गिरफ्तारी हुई है। आरोपियों के बारे में नेहरू कॉलोनी पुलिस और एलआईयू को सूचना मिली थी। इसके आधार पर दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। कथित सचिन ने अपना असली नाम ममून हसन और मूल पता बांग्लादेश के जिला मेहरपुर में थाना मुजीबनगर बताया। रीना तहसील त्यूणी के पोस्ट बिरनाद की रहने वाली निकली। रीना वर्तमान में ममून के साथ अलकनंदा एन्क्लेव में किराये पर रह रही थी। उसने ममून के फर्जी प्रमाणपत्र अपने पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर बनवाए। फर्जी दस्तावेज बरामद कर लिए गए हैं। ममून ने बताया कि रीना से उसकी पहचान फेसबुक के माध्यम से हुई थी। ममून साल 2019 में रीना से मिलने टूरिस्ट वीजा पर बांग्लादेश से देहरादून आया। दो महीने तक उसके साथ रहा फिर बांग्लादेश चला गया। इसके बाद साल 2020 व 2021 में भी टूरिस्ट वीजा पर भारत आया। कोरोनाकाल में वीजा खत्म होने के बाद रीना को भी अवैध रूप से बार्डर पार करवाकर बांग्लादेश ले गया। वहां दोनों ने निकाह कर लिया। फिर कुछ समय बाद दोनों अवैध रूप से बार्डर पार कर आए और देहरादून में अलग-अलग जगहों पर पति-पत्नी की तरह किराये पर रहने लगे।
रीना ने बताया कि उसका पहला विवाह त्यूणी निवासी सचिन चौहान के साथ हुआ था। दोनों अलग रहने लगे थे तभी फेसबुक पर ममून से मुलाकात हुई। उसने अपने कुछ परिचितों की सहायता से ममून के लिए अपने पूर्व पति सचिन के नाम के फर्जी पहचानपत्र बनवाए। ममून देहरादून के क्लब में सचिन के नाम व पहचानपत्र के सहारे बाउंसर का काम कर रहा था।
शहर में अभी तक पकड़े जा चुके 16 बांग्लादेशी
एसएसपी ने बताया कि अभी तक आपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून जनपद में छिपकर रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। इनमें नौ बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया जा चुका है। सात बांग्लादेशी नागरिक विभिन्न अपराधों में लिप्त पाए गए। इसलिए अभियोग पंजीकृत करके उन्हें जेल भेजा जा चुका है।

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