UAPA मामले में जमानत याचिका खंडपीठ सुनेगी, एकलपीठ नहीं; नैनीताल हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
नैनीताल हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि यूएपीए के मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई खंडपीठ करेगी न कि एकलपीठ। यह फैसला बनभूलपुरा दंगा के मुख्य आरोपित अब्दुल मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है। राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि इस मामले में यूएपीए लगा है इसलिए मामले को खंडपीठ सुनेगी।
हाई कोर्ट में बनभूलपुरा दंगा के मुख्य आरोपित अब्दुल मलिक के जमानत प्रार्थनपत्र पर एकलपीठ नहीं, खंडपीठ सुनवाई करेगी। एकलपीठ ने मलिक के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने इस विधिक प्रशन पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था कि मामले को एकलपीठ सुनेगी या खंडपीठ। जमानत दिए जाने या नही दिए जाने का सवाल नहीं है। सवाल यह था कि जिस केस में यूएपीए लग जाता है, उसकी जमानत हाईकोर्ट की खंडपीठ सुनेगी या एकलपीठ?
राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में कहा गया था कि इस केस में युएपीए लगा है, इसलिए मामले को खंडपीठ सुनेगी, इससे संबंधित केसों में खंडपीठ ही सुनवाई कर रही है और कई मामले को सुन चुकी है जबकि आरोपित की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच रेगुलर पुलिस कर रही है, इसलिए मामले को एकलपीठ सुन सकती है।
इससे संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पेश करते हुए कहा कि खंडपीठ उन मामलों को सुन सकती है, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए) ने जांच की हो और स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया हो। यहां सत्र न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज की है और रेगुलर पुलिस ने मामले की जांच की है।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि आरोपित के खिलाफ यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है, आरोपित दंगा मामले के मुख्य आरोपितों में से एक है, इसलिये एकलपीठ सुनवाई नहीं कर सकती है।
मलिक के अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट ने सोमवार को सुरक्षित रखा निर्णय सुनाया कि इस मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई खंडपीठ करेगी। इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया। अब मलिक की ओर जमानत के लिए खंडपीठ में अपील दायर करने की तैयारी की जा रही है।
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