पर्थाडीप में मलबा आने से तीसरे दिन भी नहीं खुला बदरीनाथ हाईवे, फंसे रहे 500 यात्रियों के वाहन
पुलिस प्रशासन की ओर से वाहनों की आवाजाही वैकल्पिक नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मोटर मार्ग से करवाई गई, लेकिन सड़क संकरी और तीखे मोड होने के कारण करीब पांच घंटे तक जाम लगा रहा।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार को तीसरे दिन भी वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी रही। नंदप्रयाग के समीप भूस्खलन क्षेत्र पर्थाडीप में पहाड़ी से लगातार आ रहे मलबे से हाईवे के अभी खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
पुलिस प्रशासन की ओर से वाहनों की आवाजाही वैकल्पिक नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मोटर मार्ग से करवाई गई, लेकिन सड़क संकरी और तीखे मोड होने के कारण करीब पांच घंटे तक जाम लगा रहा। जाम में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जा रहे और यात्रा कर लौट रहे करीब 500 श्रद्धालु फंसे रहे।
पहाड़ी से मलबा आने के कारण 23 अगस्त से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध है। रविवार को भी भूस्खलन क्षेत्र पर्थाडीप में एनएचआईडीसीएल की जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी रहा। दिनभर जेसीबी मशीन यहां जुटी रही, लेकिन शाम तक भी मलबे का निस्तारण नहीं हो पाया। यहां पहाड़ी से लगातार मलबा गिर रहा है, जिससे फिलहाल हाईवे के खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
ऐसे में वाहनों की आवाजाही सैकोट सड़क से करवाई जा रही है। लेकिन वाहनों के भारी दबाव के कारण रविवार सुबह 10 बजे यहां भी लंबा जाम लग गया, जो दोपहर तीन बजे तक सुचारु हो पाया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि वाहनों की आवाजाही के लिए सैकोट सड़क पर वनवे सिस्टम कर लिया गया है। एक-एक घंटे में वाहनों को छोड़ा जा रहा है।
जिले के प्रभारी सचिव भी जाम में फंसे
नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण सड़क पर लगे जाम में जिले के प्रभारी सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी भी फंसे रहे। यह सड़क कई जगहों पर संकरी है, जिससे दोनों ओर से वाहनों के आने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। रविवार को दोपहर करीब दो बजे प्रभारी सचिव जनपद के विभिन्न गांवों में भ्रमण करने के पश्चात वापस जा रहे थे, लेकिन जाम में फंस गए।
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