तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप में उत्तराखंड के लिए बुरी खबर है। भूकंप से बाद से लापता पौड़ी निवासी युवक का आज शव बरामद कर लिया गया है। 35 वर्षीय भारतीय (Indian) का पासपोर्ट और सामान शुक्रवार 10 फरवरी को एक होटल के मलबे से बरामद हुआ था। अब उसकी मौत की खबर सामने आई है। माल्टा के एक होटल के मलबे से उनका शव बरामद किया गया है। शख्स की पहचान विजय कुमार के तौर पर हुई है।
तुर्की और सीरिया में बीते दिनों आए भूकंप ने कई इलाकों में तबाही मचा दी है। अभी भी तुर्की के कई इलाके ऐसे हैं जहां राहत और बचाव कार्य जारी है। तुर्की के मलत्या में चल रहे ऐसे ही एक राहत कार्य के दौरान भारतीय मूल के युवक का शव मलबे से मिला है। तुर्की में भारतीय दूतावास फिलहाल शव को भारत लाने के लेकर तैयारियां कर रहा है। तुर्की और सीरीया में भूकंप की वजह से अभी तक 25000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है। तुर्की और सीरिया में अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां राहत और बचाव का कार्य जारी है।
अंकारा में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि छह फरवरी के भूकंप के बाद से तुर्की में लापता एक भारतीय नागरिक विजय कुमार के नश्वर अवशेष मिले हैं और माल्टा के एक होटल के मलबे के बीच उनकी पहचान की गई है। तुर्की में भारतीय दूतावास ने जानकारी देते हुए बताया कि विजय कुमार बिजनेस ट्रिप पर थे। इसी दौरान 6 फरवरी को आए भूकंप में उनकी मौत हो गई।
दरअसल, देहरादून में रहने वाले 36 वर्षीय प्लांट इंजीनियर विजय कुमार लापता हो गए हैं। वे तुर्की के अनातोलिया क्षेत्र में गैस प्लांट के निर्माण और उसे शुरू कराने की योजना पर काम करा रहे थे। भूकंप के बाद से परिजनों का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। विजय कुमार देहरादून के बालावाला इलाके में रहते हैं। वे बेंगलुरु के ऑक्सीप्लांट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में प्लांट इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। कुल्कु गज नामक एक कंपनी के लिए वे एसिटिलीन गैस प्लांट के निर्माण और चालू करने के लिए तुर्की गए थे।
वह तुर्की में औद्योगिक गैस आपूर्ति कंपनी के लिए काम करा रहे थे। इसी दौरान आए भीषण भूकंप में उनके लापता होने की सूचना आई है। सूचना के बाद से ही देहरादून में परिवार के लोग चिंतित और परेशान थे। विजय के भाई अरुण कुमार ने कहा था कि मेरा भाई सोमवार से लापता है। मैं भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हूं। अरुण ने कहा था कि मेरा भाई 23 जनवरी को कंपनी के दौरे पर तुर्की गया था। मैंने उससे आखिरी बार 5 फरवरी (रविवार) सुबह बात की थी।
विजय कुमार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले की लैंसडाउन तहसील के ढकसुना गांव का रहने वाला है। विजय बेंगलुरु में कार्यरत था। वहीं, उसकी पत्नी और छह साल का बेटा देहरादून के बालावाला इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। परिवार उसके कुशल इस हादसे निकलने की प्रार्थना कर रहा था। इस बीच आज दुखद भरी खबर आई है।
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