प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ आज केदारनाथ पहुंचे तो ना केवल विश्व कल्याण के लिए केदारनाथ बाबा की पूजा अर्चना की वही केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यो का भी प्रधानमंत्री ने जायजा लिया.

साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि जाकर भी उनके दर्शन किए वही प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में जो ड्रेस आज पहनी वो हिमाचली ड्रेस हैं साथ ही ड्रेस के पीछे स्वस्तिक और मोर पँख बने दिखाई दे रहें हैं.
किसी ने ठीक ही कहा हैं कि पीएम मोदी संदेश देने में माहिर हैं हिमाचली परिधान पहनकर और शिव की पूजा कर हिमालय के तमाम राज्यों में संदेश देने की कोशिश की क्यूंकि इन राज्यों में शिव की पूजा होती हैं वही परिधान के पीछे मोर पंख विष्णु भगवान का प्रतिक माना जाता हैं और सभी जानते हैं गुजरात में भगवान श्री कृष्ण क़ो मानने वाले बड़ी संख्या में हैं ऐसे में बद्रीनाथ का दौरा आध्यात्मिक के साथ साथ संदेशो से भरा भी माना जा रहा हैं दिनों राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में PM के बद्री केदार के दौरे क़ो संदेश से भरा माना जा रहा हैं..
वही क्या हैं हिन्दू धर्म में स्वास्तिक और मोर पँख का महत्व आप भी जानिए
स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। ‘सु’ का अर्थ अच्छा, ‘अस’ का अर्थ ‘सत्ता’ या ‘अस्तित्व’ और ‘क’ का अर्थ ‘कर्त्ता’ या करने वाले से है। इस प्रकार ‘स्वस्तिक’ शब्द का अर्थ हुआ ‘अच्छा’ या ‘मंगल’ करने वाला। ‘अमरकोश’ में भी ‘स्वस्तिक’ का अर्थ आशीर्वाद, मंगल या पुण्यकार्य करना लिखा है।
सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले कई तरह नियम आदि अपनाए जाते हैं, जिन्हें अपनाना बहुत आवश्यक माना जाता है। कहा जाता है इन नियमों को न अपनाने से जो भी धार्मिक या मांगलिक कार्य किया जाता है उसका फल शुभ की जगह अशुभ हो जाता है। यही कारण है ज्योतिषी कहते हैं सनातन धर्म में होने वाली प्रत्येक पूजा आदि में इन नियमों को अपनाना अनिवार्य होता है। आज हम इन्हीं नियमों में से एक के बारें में हम आपको बताने वाले हैं।आप में से बहुत से लोगों ने देखा होगा कि सनातन धर्म में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है। अगर प्रचलित मान्यताओं की मानें तो इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। बल्कि कहा जाता ये चिन्ह मंगल करने वाला यानि हित करने वाला माना जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इसे हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्मों में भी खास माना जाता है। जी हां, इससे से जुड़ी किंवदंतियों के अनुसार न केवल सनातन धर्म में ही नहीं, अपितु अन्य धर्मों में भी बहुत ही परम माना जाता है। तो चलिए इससे जुड़ी अन्य जानकारी जानते हैं कि आखिर क्या मांगलिक कार्यों में स्वास्तिक बनाना इतना ज़रूरी होता है।दरअसल शास्त्रों में इससे जुड़ी कई मान्यताएं दी गई हैं। जिसके अनुसार स्वास्तिक जिसे सातिया भी कहा जाता है, वो भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि स्वस्तिवाचन हुए बिना हिन्दुओं का कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं होता। शास्त्रों में इसे सत्य, शाश्वत, शांति, अनंतदिव्य, ऐश्वर्य तथा सौंदर्य का मांगलित चिन्ह तथा प्रतीक है, जो बहुत शुभ माना गया है। कहा जाता है यह धनात्मक या प्लस को भी इंगित करता है, जो सम्पन्नता का प्रतीक है। इसके चारों ओर लगाए गए बिंदुओं को चार दिशाओं का प्रतीक होता है।
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक स्वास्तिक बनाने के दौरान उसकी चार भुजाएं समानांतर रहती हैं और इन चारों भुजाओं का बड़ा धार्मिक महत्व है। इससे जुड़ी अन्य मान्यताओं के अनुसार यह चार वेदों के अलावा, चार पुरुषार्थ जिनमें धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष शामिल है, का भी प्रतीक माना जाता है। तो वहीं अगर गणेश पुराण की बात करें तो उसमें कहा गया कि स्वास्तिक गणेश जी का ही एक रूप है, यही कारण है प्रत्येक शुभ, मांगलिक और कल्याणकारी कार्य का प्रारंभ इसे बनाकर यानि स्वास्तिक बनाकर ही की जाती है।इसमें व्यक्ति के जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के विघ्नों को दूर करने में, तथा व्यक्ति के जीवन से अमंगल दूर को करने की शक्ति होती है। इन सभी मान्यताओं के अलावा ये भी कहा जाता है कि स्वास्तिक का चिन्ह भगवान श्री राम, श्री कृष्ण के पैरों तथा भगवान बुद्ध के ह्रदय पर अंकित है।
पैसों की तंगी दूर करने के लिए इस तरह इस्तेमाल करें ‘मोर पंख’
अगर आप चाहती हैं कि आपको पैसे की कभी भी कमी न हो और घर में हमेशा खुशियां बनी रहें तो आपको घर पर सही दिशा और स्थान पर मोर पंख रखना चाहिएहिंदू धर्म में ज्योतिषशास्त्र और वास्तुशास्त्र को काफी महत्व दिया गया है। जहां वास्तुशास्त्र आपको सही दिशाओं के बारे में जानकारी देता है वहीं ज्योतिषशास्त्र भविष्य की घटनाओं साथ-साथ जीवन से जुड़े हर पहलू की स्थिति परिस्थिती देखी के बारे में बताता है। इन दोनों ही शास्त्रों में शुभ चित्र, चिन्ह और चीजों के बारे में भी बताया गया है जिन्हें धारण करने या अपने पास रखने भर से आपको कई लाभ मिल सकते हैं। इन्हीं शुभ चीजों में शामिल है मोर पंख। जी हां, मोर पंख को हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण से जोड़ कर देखा जाता है। इसलिए इसे काफी शुभ माना गया है। वैसे घर में मोर पंख रखने से कई लाभ होते हैं। मगर, इसे सही दिशा और स्थान पर रखा जाए तो ही आपको ये लाभ मिलेंगे। तो चलिए जानते हैं कि मोर पंख घर में रखने से आपको क्या–क्या लाभ मिलेंगे।बन जाएगा बिगड़ा काम
भगवान कृष्ण का प्रिय मोर पंख सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। अगर आप किसी कार्य को बहुत समय से करने की कोशिश कर रहे हैं या आपने कोई कार्य अच्छे उद्देश्य से किया हो मगर उसमें आपको सफलता नहीं मिली हो तो आपको अपने पास मोर पंख रखना चाहिए। मोर पंख आपके सारे रुके हुए काम को पूरे कर देता है और आपको काम में सफलता भी मिलती है। इसके लिए आपको अपने बेडरूम में ईस्ट या साउथ ईस्ट दिशा में मोर पंख रखना चाहिए। इससे आपके सारे रुके काम पूरे होंगे और आपको अपार सफलता मिलेगी।
नहीं होगी पैसों की कमी
अगर आप आर्थिक समस्या से जूझ रही हैं तो आपको अपने ऑफिस या तिजोरी में साउथ-ईस्ट दिशा में मोर पंख रखना चाहिए। इससे आपको बहुत लाभ होगा। आपके पास कभी भी धन की कमी नहीं होगी और रूका धन भी आपको आसानी से प्राप्त होगा। इसके साथ ही आपको धन कमाने के नए साधनों का भी पता चलेगा।शत्रु बन जाएंगे मित्र
मोर पंख बहुत ही प्रभावशाली होता है। इसमें से पॉजिटिव एर्नजी निकलती है और इसे अपने पास रखने से लोगों पर आपका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर आपका कोई शत्रु है तो आपको उसके नाम का एक मोरपंख सदैव अपने पास रखना चाहिए। इससे आपके और उसके मध्य के कटु संबंध सुधर जाएंगे।
वास्तु दोष होता है खत्म
अगर आपको अपने घर से वास्तु दोष खत्म करना है तो आपको अपने घर के मुख्य द्वार पर मोर पंख लगाना चाहिए। आपको घर के मुख्य द्वारा को हमेशा साफ रखना चाहिए और वहां गणेश जी की प्रतिमा के साथ मोर पंख भी रखना चाहिए।
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