देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ की सतर्कता से नकल माफियाओं के नापाक मंसूबे फिर नाकाम हुए हैं। वन आरक्षी परीक्षा में नकल कराने का षड्यन्त्र कर रहे आरोपी को एसटीएफ ने पहले ही धर दबोचा है। बताया गया है कि इन लोगों ने नकल कराने के लिए चार-चार लाख रुपए में सौदा किया था।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने इसका खुलासा किया। बताया कि मुख्यमन्त्री द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले नकल माफियाओं पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। जिस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बना है। पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में अनियमिताओं पर कड़ी निगरानी रखने हेतु सभी अधीनस्थों को निर्देशित किया गया है।
इसी क्रम में एसटीएफ को गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि कुछ व्यक्तियों द्वारा जनपद हरिद्वार क्षेत्र में रविवार को होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में शामिल होने जा रहे परीक्षार्थियों को धनराशि लेकर नकल कराने का प्रयास
किया जा रहा है। जिस पर मुखबिर तन्त्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त व्यक्ति एमएस कोचिंग सेन्टर का संचालक मुकेश सैनी है, जो कि पूर्व में भी नकल कराने के जुर्म में कई बार जेल जा चुका है, और एक कुख्यात नकल माफिया है। इस पर एसटीएफ की टीम द्वारा एमएस कोचिंग सेन्टर के संचालक मुकेश सैनी के गुरूकुल नारसन में स्थित कोचिंग सेन्टर पर छापा मारा गया। जहाँ पर मुकेश सैनी व उसके साथी रचित पुण्डीर को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ की सतर्कता से उपरोक्त षडयन्त्र को विफल कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से परीक्षा में नकल कराने हेतु प्रयोग की जाने वाली साम्रगी की बरामदगी एवं जनपद हरिद्वार के थाना मंगलौर में सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलित है।
बताया कि मुकेश सैनी पूर्व में अनेक बार परीक्षाओं में नकल कराने के जुर्म में जेल जा चुका है। क्षेत्र में इसको नकल माफिया के नाम से जाना जाता है। नकल करके परीक्षा पास करने के इच्छुक अभ्यर्थी लगातार इसके सम्पर्क में रहते है। फरवरी 2020 में आयोजित वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में इसके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर नकल कराई गई थी, परन्तु अभ्यर्थियों के साथ बाद में समझौता कर मुकदमें से बरी हो गया था, जिससे इसके इरादे और मजबूत हो गये।
इसने पूर्व की भाँति इस बार भी वन आरक्षी परीक्षा में अपने
साथी रचित पुण्डीर के साथ मिलकर नकल कराने की
योजना बनाई। इसके लिये उसने लगभग 15 अभ्यर्थियों से
लगभग 04 लाख रूपये प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से तय
किया था, जिसमें अग्रिम धनराशि के रूप में पचास हजार
से एक लाख रूपये तक लिये गये तथा कुछ अभ्यर्थियों को
परीक्षा में नकल के लिये ब्लुटूथ डिवाईस दे दी गई और
उसके प्रयोग तरीका भी बता दिया गया।
रचित पुण्डीर हरिद्वार के एक कालेज में सहायक प्रोफेसर है। पूर्व में भी वन आरक्षी परीक्षा में प्रष्न पत्र मुकेष सैनी को परीक्षा के दौरान भेजने के आरोप में जेल जा चुका है। रचित पुण्डीर ने आगामी वन आरक्षी परीक्षा में परीक्षा केन्द्र पर अपनी कक्ष निरीक्षक के पद पर ड्यूटी लगवाने की तैयारी कर ली थी। जहाँ से इसकी योजना परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र को व्हाट्सअप व अन्य माध्यम से मुकेष सैनी को भेजने की थी। मुकेश सैनी द्वारा इस प्रष्न पत्र को अपने साथियो के साथ मिलकर हल किया जाता एवं छात्रों को दी गई डिवाईस पर कॉल करके उत्तर बताये जाते । गिरफ्तार अभियुक्त मुकेश सैनी पुत्र जल सिंह नि0 हरचन्दपुर, मंगलौर, हरिद्वार व रचित पुण्डीर पुत्र कुलवीर सिंह पुण्डीर नि0 ग्राम खंजरपुर रूडकी हरिद्वार हैं। इस मामले में प्रदीप पुत्र बाबूराम निवासी ग्राम नसीरपुर थाना मंगलौर उम्र 24 वर्ष, अभिषेक पुत्र अमलेश कुमार निवासीग्राम नसीरपुर थाना मंगलौर
3 अंकुल पुत्र आनंद निवासी ग्राम रायसी थाना लक्सर
जनपद हरिद्वार
उम्र 25 वर्ष के नाम सामने आए हैं। अन्य अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। दोनों के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं पुलिस टीम में अपर पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिह, पुलिस उपधीक्षक विवेक कुमार, निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा, अब्बूल कलाम, उपनिरीक्षक दिलबर सिह नेगी, याजवेन्द्र वाजवा उमेश कुमार एवं समस्त एस0टी0एफ0 टीम शामिल थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आम जनता से अपील की गई है कि यदि आयोग की आगामी परिक्षाओं में अनियमितता / नकल के सम्बन्ध में कोई भी जानकारी हो तो स्वय या मोबाईल के द्वारा सूचना दे सकता है जिनकी पहचान गोपनीय रखी जायेगी। इसके लिए 01352651689 नंबर के साथ मेल आई0डी0- [email protected] भी दिया गया है।
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