आतंकी हमला: शादी की पहली सालगिरह भी न मना पाए अनुज, किया था जल्द आने का वादा, तिरंगे में लिपटकर पहुंचे घर
कठुआ में बलिदान हुए उत्तराखंड के रिखणीखाल के डोबरिया (पोस्ट धामधार) निवासी राइफलमैन अनुज नेगी घर के इकलौते बेटे थे। उनकी एक बहन भी है। उनके पिता भारत सिंह वन विभाग में दैनिक कर्मचारी थे। मां सरिता देवी गृहिणी हैं।
अनुज का आठ माह पूर्व बीते नवंबर में विवाह हुआ था। गर्मियों की छुट्टियों में वह घर आए थे और मई के अंत में ड्यूटी पर लौटते समय सर्दियों में फिर से आने का वादा करके गए थे।
अनुज के बलिदान होने की सूचना से पूरे गांव में शोक छाया है। जिला पंचायत सदस्य विनयपाल सिंह नेगी ने बताया कि लोग उनके परिजनों को ढाढ़स बंधाने के लिए गांव पहुंचने लगे हैं।
गांव व घर में मातम का छाया है। राजस्व उपनिरीक्षक यशवंत सिंह ने बताया कि अनुज नेगी के बलिदान की खबर सुनकर पिता भारत सिंह, माता सरिता देवी, पत्नी सीमा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। घर में उनकी बहन अंजलि का भी बुरा हाल है।
उनके बलिदान होने की खबर से कोटद्वार से लेकर रिखणीखाल तक शोक छा गया। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार शाम को जौलीग्रांट से सेना के हेलीकाप्टर से कोटद्वार पहुंच गया है।
यहां ग्रास्टनगंज हेलीपेड पर लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह रावत, एएसपी जया बलोनी, सीओ विभव सैनी, कोतवाल मणिभूषण श्रीवास्तव समेत सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से बलिदानियों को को पुष्पांजलि दी।
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