UKSSSC Paper Leak: मास्टरमाइंड खालिद के खिलाफ एक और कारनामा उजागर, सीबीआई की सिफारिश पर एफआईआर दर्ज
हरिद्वार के लक्सर के रहने वाले खालिद का नाम पहली बार बीते सितंबर में तब सुर्खियों में आया, जब स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर के तीन पन्ने व्हाट्सएप पर वायरल हुए थे। अभी खालिद जेल में बंद है और सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड मो. खालिद का एक और कारनामा उजागर हुआ है। पहले से ही जेल में बंद खालिद के खिलाफ अब सीबीआई की सिफारिश पर देहरादून के रायपुर थाने में भी मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। मामले में सीबीआई की विस्तृत जांच के चलते खुलासा हुआ है कि खालिद ने केवल पेपर लीक ही नहीं किया, बल्कि भर्ती प्रक्रिया के बुनियादी नियमों के साथ भी खिलवाड़ किया था।
आरोप है कि उसने न सिर्फ गलत सूचनाएं दीं, बल्कि उसके समर्थन में फर्जी दस्तावेज भी दाखिल किए। इसकी पुष्टि संबंधित विश्वविद्यालयों से होने के बाद आयोग ने सीबीआई को सूचित किया। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद रायपुर पुलिस खालिद से न्यायिक हिरासत में जल्द पूछताछ कर सकती है।
एक व्यक्ति, नौ आवेदन
सीबीआई के अनुसार, आरोपी ने दो अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं (स्नातक स्तरीय और सहकारी निरीक्षक) के लिए कुल नौ अलग-अलग आवेदन पत्र भरे थे। हर आवेदन में उसने अपनी शैक्षिक योग्यता, मोबाइल नंबर और फोटो तक बदलकर पेश की। सहकारी निरीक्षक पद के लिए विशेष विषयों (जैसे अर्थशास्त्र व कॉमर्स) में स्नातक होना अनिवार्य था, जिसमें वह पात्र नहीं था, फिर भी अलग-अलग विश्वविद्यालयों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परीक्षा में शामिल हुआ। सीबीआई की संस्तुति मिलने के बाद आयोग के अनु. सचिव की ओर से रायपुर पुलिस को शिकायत दी गई, जिसके आधार पर भारतीय न्याय संहिता और उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में नकल के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उपाय) अधिनियम, 2023 की सख्त धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया
विश्वविद्यालयों की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
इस संबंध में विभाग के अनु. सचिव की ओर से सीबीआई को आधिकारिक जानकारी दी गई है। मामले में जब देहरादून पुलिस जांच कर रही थी, तभी विभाग से खालिद के आवेदन संबंधी दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई थी, जिस पर आयोग ने विस्तृत जांच के बाद सीबीआई को अब पूरा विवरण दिया है। आयोग के मुताबिक, उसने जिन विश्वविद्यालयों का छात्र होने का दावा करते हुए आवेदन किया था, उन विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मिली है कि खालिद उनका कभी छात्र नहीं रहा। इससे जाहिर होता है कि उसने मार्कशीट भी जाली लगाई थी।
उल्लेखनीय है कि हरिद्वार के लक्सर के रहने वाले खालिद का नाम पहली बार बीते सितंबर में तब सुर्खियों में आया, जब स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर के तीन पन्ने व्हाट्सएप पर वायरल हुए थे। जांच में सामने आया कि खालिद ने परीक्षा केंद्र में मोबाइल छिपाकर प्रवेश किया और अपनी बहन साबिया के जरिये सहायक प्रोफेसर सुमन को पेपर भेजा ताकि वे उसे हल कर सकें। विरोध-प्रदर्शन के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने हाल ही में खालिद, उसकी बहन और प्रोफेसर सुमन के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है।

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