दो फीट कम हुआ अलकनंदा का जलस्तर, पर खतरा बरकरार, ब्रह्मकपाल और गांधीघाट में आवाजाही बंद
सोमवार दोपहर बाद बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा था। देखते ही देखते नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। नारद शिला और वारह शिला नदी में डूब गए, तप्तकुंड के पास पानी आने पर पुलिस ने तप्तकुंड क्षेत्र को खाली करा दिया।
अलकनंदा नदी का जलस्तर करीब दो फीट घट हो गया है लेकिन अभी तक खतरा बरकरार है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने ब्रह्मकपाल और गांधीघाट में आवाजाही को पूरी तरह से बंद करा दिया है। रात को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश होने पर फिर से जलस्तर बढ़ सकता है।
सोमवार दोपहर बाद बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा था। देखते ही देखते नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। नारद शिला और वारह शिला नदी में डूब गए, तप्तकुंड के पास पानी आने पर पुलिस ने तप्तकुंड क्षेत्र को खाली करा दिया। साथ ही लाउडस्पीकर से सभी को नदी किनारे न जाने की हिदायत दी।
मंगलवार को नदी का जलस्तर घटा तो यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि उच्च हिमालय क्षेत्रों में बारिश के बाद फिर से अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने की संभावना है। उधर, मास्टर प्लान की कार्यदायी संस्था गावर कंपनी ने भी नदी के दूसरे छोर से जेसीबी लगाकर नदी किनारे पड़े पत्थरों को हटाया, जिससे नदी का लेवल ज्यादा न हो सके। इस क्षेत्र में मास्टर प्लान के कार्य से नदी काफी संकरी हो गई है।
बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने बताया कि ब्रह्मकपाल और गांधीघाट के पास तक अलकनंदा बह रही है। सुरक्षा को देखते हुए यहां पर बैरिकेड कर आवाजाही बंद करा दी गई है। नदी किनारे से मलबे को भी हटवाया गया है।
अलकनंदा के दोनों साइड हो चुके 35 करोड़ के काम
मास्टर प्लान के तहत लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) अभी तक रिवर फ्रंट के कार्यों पर लगभग 35 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। यहां दो पुलों का निर्माण, दीवार निर्माण सहित कई अन्य कार्य गतिमान हैं। अब बरसात शुरू होने पर नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे रिवर फ्रंट के काम बंद हो गए हैं। मंगलवार को पीआईयू के ईई वीके सैनी ने अधिकारियों के साथ रिवर फ्रंट के कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ने से किसी काम को कोई नुकसान नहीं हुआ है। जलस्तर कम होने पर फिर से काम शुरू कर दिए जाएंगे।
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