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आयुष्मान योजना के 4574 क्लेम खारिज होने के बाद प्रशासन की टूटी नींद, राज्य से वन टाइम सेटलमेंट का करेगा अनुरोध
आयुष्मान योजना के तहत दून अस्पताल में 4574 क्लेम खारिज होने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है। अस्पताल प्रशासन अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से इन क्लेम के पुनर्विलोकन का अनुरोध करेगा। अधिकारियों का तर्क है कि यह क्लेम नियमों में बदलाव के कारण अटके हैं। इसके लिए चिकित्सकों की एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। बता दें कि ये क्लेम 5.59 करोड़ रुपये के हैं।

 

 

आयुष्मान योजना के 4574 क्लेम खारिज होने के बाद अब दून अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी है। अस्पताल प्रशासन अब ”वन टाइम सेटलमेंट” के तहत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से इनके पुनर्विलोकन का अनुरोध करेगा। अधिकारियों का तर्क है कि यह क्लेम नियमों में बदलाव के कारण अटके हैं। इसके लिए चिकित्सकों की एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

 

 

भविष्य में एनएचए की गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। विभागाध्यक्ष रेडियोलाजी को निर्देशित किया गया है कि सीटी व एमआरआइ की रिपोर्ट मरीज को तभी दी जाए, जब बंधित चिकित्सक रिपोर्ट प्रतिहस्ताक्षरित कर एमआरआइ व सीटी सेंटर को भेजी जाए। एक दिसंबर से समस्त विभागों को विभागावार, प्रतिदिन आयुष्मान क्वेरी डाटा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।

 

आयुष्मान योजना के तहत 5.59 करोड़ के क्लेम खारिज होने के बाद प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने मंगलवार को विभागाध्यक्षों की बैठक ली। खारिज हुए क्लेम की समीक्षा उन्होंने की। यह निर्णय लिया गया कि इस समस्या के निस्तारण के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से समन्वय स्थापिक कर एक पत्र भेजा जाए। बताया गया कि पूर्व में अस्पताल में आयोजित राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की कार्यशाला में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की सख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे।
कहा गया कि रेडियोलॉजी व अन्य जांच डे केयर के तहत की जाएं, लेकिन अब बड़ी संख्या में क्लेम खारिज कर दिए गए हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से यह अनुरोध किया जाएगा कि ”वन टाइम सेटलमेंट” के तहत इन क्लेम का एक बार रिव्यू करें। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनएस बिष्ट सहति तमाम विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने में हीलाहवाली कर रहे चिकित्सक
क्लेम खारिज होने का एक बड़ा कारण दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने में चिकित्सकों की हीलाहवाली रही है। तय किया गया कि चिकित्सालय में मरीज के भर्ती होने पर उपचारकर्ता चिकित्सक से प्रीऑथराइजेशन फार्म अनिवार्य रूप भरवाया जाए। प्रीऑथराइजेशन व डिस्चार्ज के लिए एनएचए की तय गाइडलाइन का पालन किया जाए। अपूर्ण दस्तावेज किसी भी सूरत में स्वीकार न किया जाए।

खारिज क्लेम की विभागावार सूुची बनाकर संबंधित विभागों को उपलब्ध कराएं
इस दौरान बताया गया कि बड़ी संख्या में क्लेम डिले प्रीऑथराइजेशन, डिस्चार्ज व क्वेरी के कारण खारिज हुए हैं। जिस पर बीएफए को निर्देशित किया गया है कि इनका निस्तारण समयबद्ध ढंग से किया जाए। आयुष्मान अनुभाग को निर्देशित किया गया है कि क्लेम खारिज होने या उस पर कोई आपत्ति लगाए जाने की जानकारी प्रत्येक सप्ताह उपलब्ध कराएं। खारिज हुए क्लेम की विभागावार सूुची बनाकर इन्हें संबंधित विभागों को उपलब्ध कराने को कहा गया है। प्रत्येक सप्ताह, विभागवार इस संबंध में बैठक आयोजित की जाए।
बेहिसाब हुए एमआरआइ व सीटी स्कैन, अब कसेगी लगाम
आयुष्मान योजना के तहत खारिज क्लेम में अधिकांश केस में मरीज को बिना भर्ती किए एमआरआइ, सीटी स्कैन व अन्य जांच कराने के हैं। प्राचार्य ने सख्त ताकीद की है कि यह जांच मरीज को 24 घंटा भर्ती किए बगैर न की जाए। यदि किसी मरीज को आवश्यकता होती है तो एनएचए की गाइडलाइन के तहत ही जांच कराई जाए। जिसके संपूर्ण नोट्स फाइव पर उपलब्ध होने चाहिए।

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Author: Swati Panwar
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