20 दिन बाद हरकी पैड़ी पर आज गंगा में छोड़ा जाएगा जल, श्रद्धालुओं को स्नान के लिए मिलेगा भरपूर पानी
दशहरा पर्व पर उत्तरी खंड गंगनहर को सालाना बंदी के लिए बंद कर दिया गया था। वार्षिक बंदी में गंगनहर में मरम्मतीकरण और साफ-सफाई के कार्य होते हैं।
20 दिन बाद दीपावली पर्व पर आज हरकी पैड़ी पर गंगा आएंगी। श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए भरपूर जल मिलेगा। वार्षिक बंदी के बाद फिलहाल, दिल्ली में पेयजल की आपूर्ति के लिए दो हजार क्यूसेक पानी ही छोड़ा जाएगा।
दशहरा पर्व पर उत्तरी खंड गंगनहर को सालाना बंदी के लिए बंद कर दिया गया था। वार्षिक बंदी में गंगनहर में मरम्मतीकरण और साफ-सफाई के कार्य होते हैं। इस दौरान घाटों की मरम्मत, रेलिंग, नहर गूलों की मरम्मत के काम कराए जाते हैं, लेकिन, उत्तरी खंड गंगनहर के बंद करने से हरकी पैड़ी पर भी गंगा की जल धारा बंद हो जाती है। जिससे गंगा स्नान करने वालों को भरपूर गंगा जल नहीं मिल पाता ह
हालांकि, इस बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से काफी हद तक बांध बनाकर अविरल गंगा से जल की उपलब्धता कराई गई थी। इसमें श्रद्धालुओं की ओर से गंगा स्नान किया जा रहा था, लेकिन श्रद्धालु सामान्य दिनों की तरह गंगा स्नान नहीं कर पा रहे थे। यही नहीं हरकी पैड़ी पर नहाने योग्य जल नहीं पहुंच पा रहा था। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार गंग नहर की वार्षिक बंदी पर तमाम विकास कार्य होंगे। पिछले सालों के मुकाबले इस साल हरकी पैड़ी पर गंगा जल की मात्रा अधिक थी।
दीपावली की मध्य रात्रि से उत्तरी खंड गंगनहर में पानी छोड़ा जाएगा। इससे दीपावली के दिन बृहस्पतिवार को हरकी पैड़ी पर भी गंगाजल पर्याप्त मात्रा में पहुंचने लगेगा। उत्तरी खंड गंगनहर में जलप्रवाह शुरू होने से श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा सकेंगे।
किसानों की सिंचाई की समस्या होगी दूर
गंगनहर के चालू होने से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों की सिंचाई की समस्या भी दूर हो जाएगी। 20 दिन गंगनहर बंद रहने से किसानों को सिंचाई के लिए परेशान रहना पड़ा, लेकिन, बृहस्पतिवार से गंगनहर शुरू होने से किसानों को सिंचाई के लिए रजवाहों और छोटी गंगनहर से पानी मिलने लगेगा। जिससे किसान खेतों में गेहूं आदि फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
उत्तरी खंड से गंगनहर में पानी छोड़ दिया गया है। जिससे दीपावली से हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए पूरा जल श्रद्धालुओं को मिलेगा। गंगनहर बंदी के दौरान नीचे के अधिकांश कार्य समाप्त कर दिए गए हैं। अब ऊपर के कार्य बचे हैं, जिन्हें भी समय पर करा दिया जाएगा।
– विकास कुमार त्यागी, अधिशासी अभियंता, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग
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