यूपीएससी द्वारा डीजीपी के पद के सापेक्ष निम्नलिखित तीन नामों का पैनल भेजा गया है-
1. श्री दीपम सेठ
2. श्री पी वी के प्रसाद
3. श्री अमित कुमार सिन्हा
यूपीएससी ने तकनीकी आधार पर श्री अभिनव कुमार का नाम पैनल में सम्मिलित नहीं किया है। श्री अभिनव कुमार का नाम उत्तर प्रदेश कैडर की सूची में सम्मिलित है जबकि वह राज्य बनने से पहले उत्तराखण्ड में कार्यरत थे और इसी राज्य को अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
मा०उच्च न्यायालय ने श्री अभिनव कुमार के कैडर आबंटन संबंधी याचिका में उन्हें उत्तराखण्ड में कार्य करते रहने हेतु स्थगन आदेश दिया है। तत्क्रम में ही श्री अभिनव कुमार यहाँ अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
उत्तराखण्ड शासन द्वारा UPSC की अनुशंसा पर सम्यक् परीक्षण और सभी विधिक पहलुओं पर विचार करते हुए अग्रिम कार्यवाही हेतु उचित निर्णय लिया जायेगा।
पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी।
महज 10 महीनों बाद ही एक बार फिर से पुलिस के नए निजाम की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। तीन दिन पहले नियमित डीजीपी के चुनाव के लिए डीपीसी हुई, जिसके बाद शासन को तीन नाम भेजे गए हैं। फिजाओं में जो बातें तैर रही हैं, उनमें मौजूदा डीजीपी के नाम की चर्चा बिल्कुल नहीं है। तीनों नाम प्रदेश कैडर के ही अधिकारियों के हैं। अब पलड़ा किसका भारी होगा यह देखने वाली बात होगी।
पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी। इसके तहत कहा गया था कि जहां डीजी रैंक के अधिकारी नहीं हैं वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारी को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है। ऐसे में यहां भी नियमित डीजीपी की खोज की जाने लगी। इसके लिए प्रदेश के सात पुलिस अधिकारियों के नाम फिर यूपीएससी को भेजे गए।
बताया जा रहा है कि डीपीसी बैठक में तीन नाम फाइनल कर यूपीएससी शासन को भेज भी चुका है। इसके बाद से अगले डीजीपी के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि इस बार सूची में दीपम सेठ का नाम भी है।
सेठ पांच साल की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी कर चुके हैं। फिलहाल उनका कार्यकाल बढ़ना है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है। जहां तक मौजूदा डीजीपी के नाम की बात है तो उनके नाम की चर्चाएं कम ही हैं। हालांकि, वास्तविकता क्या है और किसके सिर 13वें डीजीपी का सेहरा सजता है, यह सामने आने में अभी 10 दिन का समय लग सकता है।
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