राज्य विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में 50 फीसदी सीटें खाली
Iयूजीसी की गाइडलाइन के तहत प्रवेश के लिए छात्रों को मिले दूसरा मौकाई
राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में छात्र समर्थ पोर्टल के भंवर जाल में ऐसे फंसे कि मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद भी प्रवेश नहीं लिया। इसके चलते महाविद्यालयों के सभी पाठ्यक्रमों में 50 फीसदी से अधिक सीटें खाली रह गई हैं। ऐसे में किसी भी महाविद्यालय में सीटें खाली न रहे इसको ध्यान में रखते हुए इस बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने निर्देश देते हुए कहा है कि दाखिले पूरे होने के बाद बची सीटों पर विवि अपने स्तर से प्रवेश कर सकती हैं।
राज्य विवि से संबद्ध महाविद्यालयों के प्रबंधकों का कहना है कि विवि की ओर से यूजीसी की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके चलते छात्रों को प्रवेश के लिए दूसरा मौका नहीं मिल रहा है। एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंसड इंस्टीट्यूटस उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा, यूजीसी का फैसला सराहनीय है। विवि और शासन को इसका पालन करते हुए महाविद्यालयों में प्रवेश को शुरू करना चाहिए। बताया कि बीते साल भी विवि और शासन के नकारात्मक रवैए के चलते बीएड कॉलेजों में सीटें खाली रह गई थीं। लेकिन, इस बार ऐसी स्थित न रहे इसके लिए फिर से राज्य विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए दूसरा मौका दिया जाना चाहिए।
I14 जुलाई को पूरी हो गई है प्रवेश की प्रक्रियाI
राज्य विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया बीते 14 जुलाई को पूरी हो गई है। शिक्षकों का कहना है कि छात्र समर्थ के फंवरजाल में ऐसे फंसे कि मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद भी प्रवेश लेने नहीं आए। आलम यह रहा कि महाविद्यालय की ओर से जारी पहली मेरिट लिस्ट के नामांकन पूरे भी नहीं हुए इससे पहले ही दूसरी लिस्ट जारी कर दी गई। बावजूद इसके छात्र प्रवेश लेने नहीं आए।
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