प्रदेश के सहकारी समितियों के चुनाव में 33 हजार महिलाएं डालेंगी वोट, नियमावली में हुआ संशोधन
राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली में संशोधन कर दिया गया है, जिससे यह सदस्य भी मतदान कर सकेंगे। राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली के नियम 12 (ख) में ऐसे सदस्यों को मताधिकार से वंचित किया गया था।
प्रदेश के सहकारी समितियों के चुनाव में 33 हजार महिलाओं को मतदान का अधिकार मिल गया है। वहीं, 78 हजार पुरुष सदस्य भी अब मतदान कर सकेंगे। समिति से पिछले तीन साल में लेन-देन न करने वाले इन सदस्यों के मतदान के अधिकार पर रोक थी।
राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे के मुताबिक, राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली में संशोधन कर दिया गया है, जिससे यह सदस्य भी मतदान कर सकेंगे। राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली के नियम 12 (ख) में ऐसे सदस्यों को मताधिकार से वंचित किया गया था।
जिसने पिछले तीन साल से किसी भी एक साल में सहकारी समितियों से किसी भी तरह का कोई लेन-देन नहीं किया। नियमावली के नियम की वजह से यह सदस्य मतदान नहीं कर पा रहे थे, जबकि सरकार की ओर से पहली बार सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
सहकारी समितियों में करीब एक लाख से अधिक निष्क्रिय सदस्यों को मतदान के अधिकार से वंचित न रहना पड़े, इसके लिए मंत्रिमंडल की बैठक में नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया था
प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद सहकारी समितियों के चुनाव होने हैं। निकाय चुनाव के बाद इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। चुनाव में अब समितियों के बिना लेन-देन वाले सदस्य भी मतदान कर सकेंगे। -हंसा दत्त पांडे, अध्यक्ष, राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण
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