तीन दिन से फंसे 3000 तीर्थयात्री: सब्र टूटा तो लिया बदरी विशाल का नाम, कई धरती को चूमकर वापस लौटे, तस्वीरें
बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ में तीसरे दिन भी नहीं खुल सका। बृहस्पतिवार सुबह यहां कुछ देर के लिए मलबे के ऊपर से ही पैदल आवाजाही कराई गई, लेकिन अचानक पहाड़ी से बोल्डर गिरने से हाईवे फिर बंद हो गया।
अभी गोविंदघाट से लेकर जोशीमठ तक करीब 3000 श्रद्धालु जगह-जगह फंसे हुए हैं। दूसरी ओर बदरीनाथ जा रहे श्रद्धालु हाईवे न खुलता देख पीपलकोटी (बदरीनाथ से 80 किमी पहले) से धरती को नमन कर लौटने लगे हैं।
नौ जुलाई को सुबह जोशीमठ के पास चुंगीधारा में पहाड़ी से चट्टान का एक हिस्सा टूटकर बदरीनाथ हाईवे पर आ गया था। तब से यहां पर आवाजाही बंद है।
बीआरओ लगातार हाईवे खोलने के प्रयास में जुटा हुआ है। बृहस्पतिवार सुबह कुछ देर के लिए यहां पर पैदल आवाजाही शुरू कराई गई। इसमें पोलिंग पार्टियों के साथ ही कुछ यात्री भी दूसरी तरफ निकल गए, जबकि कुछ यात्रियों ने दोपहिया वाहनों को भी दूसरी तरफ निकाल दिया। मगर कुछ देर बाद पहाड़ी से मलबा गिरने लगा तो आवाजाही रोक दी गई।
इसके बाद फिर बोल्डर आ गिरे। उस समय यहां मजदूर काम कर रहे थे और उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। मगर बीआरओ की ड्रीलिंग मशीन मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। मलबा हटाने के बाद दोपहर को एक बार फिर यहां पर पैदल आवाजाही शुरू करवा दी गई।
पुलिस और एसडीआरएफ के जवान लोगों को सुरक्षित पार कराने में मदद करते रहे। बीआरओ बोल्डर हटाने के लिए ब्लास्टिंग की तैयारी कर रहा है, जिसके चलते शाम को यहां पैदल आवाजाही भी बंद करा दी गई। ब्लास्टिंग से यदि हाईवे पर आई चट्टान टूटती है तो शुक्रवार को वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई जा सकती है।
हाईवे पर पैदल आवाजाही के बाद कुछ यात्री तो निकल गए लेकिन अभी तक जोशीमठ में बड़ी संख्या में यात्री फंसे हैं। तीन दिन से जोशीमठ में फंसे यात्री परेशान हो गए हैं। होटलों में महंगे कमरे होने के कारण अब उनके सामने रहने की भी समस्या खड़ी हो गई है। एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ट ने बताया कि तहसील प्रशासन ने नगर पालिका हॉल में यात्रियों के रहने की व्यवस्था की है।
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