20 फीट गहरी बन चुकी भागीरथी नदी में झील, कुछ जगह पर सड़क तक पहुंचा पानी
भागीरथी नदी पर मलबे के कारण बन गई झील की समस्या से निपटने के लिए सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार, अधीक्षण अभियंता संजय राज समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया था।उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में तैल गाड गदेरे से आए मलबे के कारण भागीरथी नदी में झील बनी है, उसकी गहराई करीब 20 फीट तक है। इस झील का पानी कुछ जगहों पर गंगोत्री मार्ग वाले मार्ग पर भी बह रहा है। जिस मलबे के कारण झील बनी है, उसको साफ करने और नदी का प्रवाह सामान्य करने में दस दिन का समय लग सकता है।
भागीरथी नदी पर मलबे के कारण बन गई झील की समस्या से निपटने के लिए सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार, अधीक्षण अभियंता संजय राज समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया था। इस झील की लंबाई 1200 और चौड़ाई 100 मीटर है। झील में करीब सात लाख क्यूबिक घनमीटर पानी होने की संभावना है। इस झील का पानी गंगोत्री मार्ग के कुछ हिस्सों में बह रहा है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि झील से पानी की निकासी होने के कारण चिंता जैसी कोई भी बात नहीं है।
मलबे को हटाने के लिए पोकलेन मशीनों का इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है। इससे नदी का प्रवाह सामान्य हो सकेगा। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय राज ने बताया कि पोकलेन के माध्यम से मलबा हटाया जाएगा। इसके लिए योजना बना ली गई है, इस काम में दस दिन तक का समय लग सकता है। जरूरत पड़ने पर झील के निरीक्षण के लिए टीम दोबारा भी जा सकती है।

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