70 साल की उम्र पार कर चुके 10 कैदियों को जेल से मिली रिहाई, मिली थी आजीवन कारावास की सजा हत्या व हत्या के प्रयास के मामले में प्रदेशभर की जेलों में सजा काट रहे कैदियों की उम्र 70 साल से अधिक होने के साथ ही उनके आचरण को लेकर शासन की ओर से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसके बाद शासन ने इन्हें रिहा करने के आदेश दिए थे
।हरिद्वार जिला कारागार रोशनाबाद में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 10 कैदियों को शासन के आदेश के बाद रविवार को रिहा कर दिया गया है। तीन सगे भाईयों सहित सभी 10 कैदियों को हत्या सहित कई मामलों ने अलग-अलग अदालतों ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सालों बाद गुनाहों की सजा काटकर सलाखाें से बाहर आने पर कैदियों को देखकर उनके परिवारों में खुशी की लहर छा गई।जेल प्रशासन के मुताबिक, हत्या व हत्या के प्रयास के मामले में प्रदेशभर की जेलों में सजा काट रहे कैदियों की उम्र 70 साल से अधिक होने के साथ ही उनके आचरण को लेकर शासन की ओर से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट के आधार पर रोशनाबाद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 10 कैदियों को रिहा करने के आदेश शासन ने जारी किए। जिसके बाद रविवार की सुबह सभी को हरिद्वार जेल से रिहा कर दिया गया।
जेल प्रशासन के अनुसार, प्रेम पुत्र शीशराम सैनी को हत्या के मामले में 25 जनवरी 2003 से लेकर अब तक 12 साल 28 दिन की सजा काटी। योगेंद्र उर्फ गेंदर पुत्र बलजीत उर्फ बलो ने हत्या, आर्म्स एक्ट के मामले में सात जनवरी 2009 से अब तक 16 साल पांच महीने 16 दिन, नियाज पुत्र अब्दुल लईक ने 25 जुलाई 2013 से अब तक 12 साल एक दिन, गोविंद सिंह पुत्र दीवान सिंह को 18 दिसंबर 2003 को गैर इरादतन हत्या में सजा हुई। 11 साल चार महीने 20 दिन जेल में रहेकबीर पुत्र गुलामुद्दीन ने हत्या के मामले में 22 अगस्त 2003 से अब तक 11 साल छह महीने 22 दिन, नईम पुत्र मजीद ने हत्या के प्रकरण में 22 अगस्त 2012 से अब तक 11 साल पांच महीने 25 दिन जेल में काटे।
नूरहसन पुत्र मकसूद प्रधान ने हत्या के प्रयास, बलवे के मामले में 26 अप्रैल 2013 से अब तक 10 साल 10 महीने 19 दिन, लाला पुत्र चूढ़ा, छोटन पुत्र चूढ़ा, वेदपाल पुत्र चूढ़ा ने हत्या, मारपीट मामले में 30 अक्तूबर 2001 से अब तक 12 साल आठ महीने की सजा काटी।
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