हाईकोर्ट ने फाईम की मौत मामले में SP जगदीश चंद्र को सौंपी SIT की कमान। गृह सचिव और DGP को दिए निर्देश….
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वनभूलपुरा हिंसा के दौरान गोली लगने से फईम की मौत की सी.बी.आई. जांच संबंधी याचिका में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एस.आई.टी.) से जांच कराने के निर्देश दिये थे।
इस पर सरकार ने आज एस.पी. जगदीश चन्द्र, सी.ओ. नितिन लोहनी और एस. आई. प्रमोद पाठक के साथ दो अन्य को नामित किया है। खंडपीठ ने कहा, इन्हें सुविधा डी.जी.पी. और सचिव गृह उपलब्ध कराएंगे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर. आर. बेग ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश जे. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने लगातार दूसरे दिन वनभूलपुरा में दंगों के दौरान फईम की गोली लगने से मौत को हत्या मानते हुए आज भी सी.बी.आई. जांच की मांग सम्बन्धी परवेज़ की याचिका में सुनवाई हुई। न्यायालय ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर एस.आई.टी. टीम की जानकारी ली।
पुलिस मुख्यालय ने उन्हें बताया कि पी.पी.एस. एस.पी.क्राइम/ट्रैफिक जगदीश चंद्रा, सी.ओ. नितिन लोहनी, एस.आई. प्रमोद पाठक व दो अन्य को नामित किया गया है। न्यायालय ने इसपर अपनी संस्तुति दे दी।
इसमें, एस.पी. जगदीश चंद्र एस.आई.टी. को लीड करेंगे। टीम हर माह प्रोग्रेसिव रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करेगी। न्यायालय ने ये भी कहा कि डी.जी.पी. और सचिव गृह एस.आई.टी. की सभी जरूरतों को पूरा करेंगे।
पूर्व में खंडपीठ ने पुलिस जांच को अजब गजब बताते हुए, जाँच अधिकारी नीरज भाकुनी को जिले से बाहर तबादला करने को कहा था, जिसपर न्यायालय को बताया गया कि उन्हें पिथौरागढ़ जिले में भेज दिया गया है।
मामले के अनुसार, मृतक के भाई परवेज ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि नैनीताल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को 6 मई 2024 को निर्देश दिए थे कि मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर इसकी जांच करें और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें।
दर्ज कर इसकी जांच करें और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें।
लेकिन, आजतक पुलिस ने इसकी जांच ही नहीं की, इसलिए उन्होंने मामले की सी.बी.आई. से जांच कराने व परिवार को सुरक्षा दिलाने को लेकर याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता का कहना है कि 8 फरवरी 2024 को वनभूलपुरा हिंसा के दौरान फईम की गोली लगने से मौत हो गयी थी। उसके बाद परिजनों ने इसकी जांच कराने के लिए पुलिस और प्रशासन से कई बार शिकायत की
लेकिन पुलिस ने न तो इसकी जांच की और न ही मुकदमा दर्ज किया। उसके बाद मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल की कोर्ट में वाद दायर किया गया।
मजिस्ट्रेट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने और उसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा। लेकिन, वर्तमान तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं कि। फईम की मौत हिंसा के दौरान नहीं, बल्कि अज्ञात लोगों की गोली मारने से हुई

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