देहरादून: जंगल के राजा को रात-भोर में विचरण करना अधिक पसंद, रेडियो कॉलर से किया गया बाघों के व्यवहार का अध्ययन
.भारतीय वन्यजीव संस्थान ने रेडियो कॉलर के जरिये बाघों के व्यवहार का अध्ययन किया। शावक से वयस्क होने के बाद बाघ, बाघिन कैसे व्यवहार करते हैं, किस तरह बाघ अपना इलाका बनाता है? इस अध्ययन में समझें..
वयस्क होने के बाद बाघ कैसे व्यवहार करते हैं। यह जानने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान ने अध्ययन किया है। इससे पता चलता है कि जंगल के राजा को विचरण करने के लिए रात और भोर का समय अधिक पसंद है। वन क्षेत्र के बाहर के मसलन खेत के आसपास पहुंचने पर उनकी गति तेज और सीधी होती है। इसके अलावा तापमान भी उनके विचरण पर असर डालता है।
भारतीय वन्यजीव संस्थान ने शावक से वयस्क होने के बाद बाघ, बाघिन कैसे व्यवहार करते हैं, किस तरह बाघ अपना इलाका बनाता है? ऐसे सभी व्यवहार को जानने के लिए महाराष्ट्र वन विभाग के सहयोग से पूर्वी विदर्भ में अध्ययन करने का फैसला किया गया। यह अध्ययन वर्ष 2016 से शुरू हुआ और 2022 तक चला। अध्ययन के तहत 15 बाघ, बाधिन में रेडियो कॉलर लगाया गया, जिससे उनके पल-पल के मूवमेंट का पता चलता रहे।
इस अध्ययन में सामने आया है कि यह बाघ रात और भोर के समय अधिक विचरण करते हैं। इसके बाद जैसे ही जंगल से निकल कर मानवीय आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचे तो बाघ के कदमों की रफ्तार तेज और सीधी हो गई। इसके अलावा बाघों ने दिन में विचरण कम किया और खास तौर पर दिन में 9 से 11 बजे तक आराम किया। उनके विचरण में तापमान का असर भी दिखाई दिया है। 20 से 30 डिग्री तापमान में उन्होंने
बाघिन ने नहीं छोड़ी अपनी टेरिटोरियल बाउंड्री
अध्ययन में शामिल भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ बिलाल हबीब कहते हैं कि अध्ययन में देखा गया कि बाघिन सामान्य तौर पर जंगल के आसपास के क्षेत्र में रही। उन्होंने अपनी टेरिटोरियल बाउंड्री को नहीं छोड़ा, जबकि बाघ उसके बाहर भी निकले हैं। अध्ययन के माध्यम यह जानने का प्रयास किया गया है जब बाघ वयस्क होते हैं, तो उनका मूविंग पैटर्न क्या होता है, वे किस समय और किन रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। कितनी दूरी तय करते हैं। अध्ययन से यह जानने में मदद मिली है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी। राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष के दृष्टिगत इस तरह का अध्ययन किया जा सकता है। चलना पसंद किया है, गर्मी से उनके मूवमेंट पर असर दिखाई दिया।

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