ऑपरेशन कालनेमि में प्रदेश में ब्लॉक व तहसील स्तर पर चलेगा सत्यापन अभियान
उत्तराखंड में पहचान छिपाकर अपराध करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। तहसील और ब्लॉक स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं होंगी। गृह सचिव ने पुलिस को आदेश जारी किए हैं। ऑपरेशन कालनेमि के तहत साइबर अपराध मानव व्यापार और फर्जी दस्तावेजों से नागरिकता लेने जैसे अपराधों पर कार्रवाई की जाएगी।
देवभूमि उत्तराखंड में पहचान छिपाकर सनातन धर्म में सक्रिय आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए जिलों में तहसील और ब्लाक स्तर पर गहन सत्यापन अभियान चलेगा।
साथ ही जिला, तहसील और ब्लाक स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित कर आम नागरिकों को ऐसे अपराधों से बचने के लिए जागरुक किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित विशेष टीम प्रत्येक जिले से इस संबंध में रिपोर्ट प्राप्त कर शासन को भेजेगी।
गृह सचिव शैलेश बगोली ने सोमवार को इस संबंध में पुलिस महानिदेशक एवं समस्त जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया कि प्रदेश में कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर और छद्म वेश धारण कर व्यक्ति विशेष या समाज के विरुद्ध अपराध में लिप्त हैं।
.जाति, धर्म, मूलवंश, लिंग, जन्म स्थान या निवास को छिपाकर नकली पहचान के साथ अपहरण, दुष्कर्म, छल, चमत्कारिक उपचार जैसे अपराध किए जा रहे हैं। साथ में साइबर अपराध, विवाह के लिए छल, फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए पहचान पत्र बनाने और मानव व्यापार से संबंधित अपराध भी सम्मिलित हैं।
ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए गहन सत्यापन अभियान आवश्यक है। राज्य एवं जिला स्तर पर इस तरह के अपराधियों के संबंध में जानकारी देने को पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर भी संदेश दिया जाना चाहिए।
शासन ने पुलिस मुख्यालय को आपरेशन कालनेमि अभियान को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने को कहा है। ऐसे अपराधों पर भारतीय न्याय संहिता, औषधि व चमत्कारिक अधिनियम, 1984, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, उत्तराखंड धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
आपरेशन कालनेमि के अंतर्गत इस प्रकार के अपराधों पर लगेगा अंकुश
छद्म पहचान जानबूझकर एवं अन्य धार्मिक एवं पंथ की वेशभूषा धारण कर जनता को भ्रमित करना -किसी औषधि व उसके चमत्कारिक उपचार के संबंध में भ्रामक जानकारी देना -विज्ञापनों के माध्यम से अपराध -इलेक्ट्रानिक पासवर्ड, साइबर धोखाधड़ी, फर्जी इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल, फिशिंग डिजिटल अपराध -कूटरचित चित्रों को इंटरनेट मीडिया पर प्रकाशित करने की धमकी देकर उत्पीड़न -विवाह के नाम पर छल -फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश में निवास कर रहे विदेशी नागरिकों की पहचान -फर्जी पहचान पत्रों व प्रमाण पत्रों का निर्माण व प्रयोग -मिथ्या कथन और मिथ्या दस्तावेज के आधार पर मानव व्यापार -कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ लेना

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