उत्तराखंड: भूमि ट्रांसफर, अधिग्रहण की मंजूरी न मिलने से अटका 15 राष्ट्रीय राजमार्गों का सुधार, मंजूरी में देरी18 प्रस्तावों की एक सूची भेजी गई है जो वन भूमि ट्रांसफर और भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति न मिलने के कारण लंबित हैं।
प्रस्तावों के संबंध में ताजा प्रगति की समीक्षा करने के लिए 23 जनवरी को एक बैठक बुलाई है।प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुधारीकरण योजना के 10,106 करोड़ के 18 में से 15 प्रस्ताव वनीय स्वीकृति न मिलने से अटके हैं। तीन प्रस्तावों पर वन स्वीकृति प्राप्त हो गई है। बाकी प्रस्तावों के लिए वन भूमि ट्रांसफर होनी है और कुछ प्रस्तावों में वन भूमि का अधिग्रहण का मामला है।इनकी मंजूरी में हो रही देरी से योजनाओं पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ये सारे राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तरकाशी, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग व नैनीताल जिले के अंतर्गत हैं।
सचिव लोनिवि डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने सभी जिलों के सक्षम भूमि अध्याप्ति अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी व राष्ट्रीय राजमार्ग (लोनिवि) के मुख्य अभियंता को 18 प्रस्तावों की एक सूची भेजी है, जो वन भूमि ट्रांसफर और भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति न मिलने के कारण लंबित हैं।
उन्होंने प्रस्तावों के संबंध में ताजा प्रगति की समीक्षा करने के लिए 23 जनवरी को एक बैठक बुलाई है, जिसमें सभी अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। बता दें कि राज्य के प्रमुख मोटर मार्गों जिनमें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं, को प्रदेश सरकार बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार से भी लगातार मुद्दा उठा रही है। हाल ही में सीएम धामी भी मोटर मार्गों के सुधारीकरण का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उठा चुके हैं।प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग जिनका सुधारीकरण होना
एनएच 507(दायरीखड्ड से रिखाखड्ड तक) 7.24 हेक्टेयर वन भूमि, एनएच 534 (गुमखाल से सतपुली)-42.067 हेक्टेयर भूमि ट्रांसफर, एनएच 534 (पैडुल से श्रीनगर)-32 हेक्टेयर भूमि चाहिए, एनएच 309ए (उडियारी बैंड से कांडा)- 14.306 हेक्टेयर भूमि, एनएच 309ए (कांडा से बागेश्वर)-8.670 हेक्टेयर भूमि, एनएच 309ए ( बागेश्वर से कंगारीछीना)-22.112 हेक्टेयर भूमि, एनएच 309ए (कंगारीछीना से अल्मोड़ा)-18.405 हेक्टेयर, एनएच 121 फोर लेन निर्माण, एनएच 507 डबल लेन चौड़ीकरण : 16.63 हेक्टेयर, एनएच 107-वनीय स्वीकृति प्राप्त हो गई, एनएच 309 (काशीपुर-रामनगर फोर लेन)-13.4967 हेक्टेयर, एनएच 109 (काठगोदाम से नैनीताल)-41.26 हेक्टेयर, एनएच 34 (गंगोत्री से झाला)-43.243 हेक्टेयर, एनएच 34 (हीना से तेखला)-8.911 हेक्टेयर, एनएच 34 (तेखला से ज्ञानसू)-3.424 हेक्टेयर, एनएच 09 (अस्कोट से लिपुलेख)- वनीय स्वीकृति प्राप्त, एनएच 09 (तवाघाटा से काली मंदिर)- वनीय स्वीकृति प्राप्त, एनएच09 ( काली मंदिर से लिपुलेख पास)- छह किमी वन भूमि प्रभावित।
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