पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशक दीपक मित्तल का विदेश भागने से पहले संपत्ति बेचने का खेल, रडार पर बायर्स
देहरादून में पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशक दीपक मित्तल की संपत्ति खरीदने वाले पुलिस की रडार पर हैं। मित्तल ने फरार होने से पहले करीबियों को संपत्ति बेची और खातों में रकम ट्रांसफर की। एसआइटी संदिग्ध संपत्तियों और लेनदेनों की जांच कर रही है। परियोजनाओं के अटके होने से खरीदारों के 45 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं और रेरा मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहा है।
निवेशकों को करोड़ों की चपत लगाने वाले पुष्पांजलि इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक दीपक मित्तल की संपति खरीदने वाले लोग अब पुलिस की रडार पर हैं। पुलिस ने इन्हें चिह्नित करते हुए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि मुकदमे दर्ज होने के बाद आरोपित ने कुछ व्यक्तियों के खातों में रकम ट्रांसफर की है। इनमें कुछ खाते ऐसे हैं, जिनमें बार-बार रकम ट्रांसफर हुई। पुलिस ने ऐसे व्यक्तियों को नोटिस जारी कर मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया था कि फरार होने से पहले दीपक मित्तल ने अपनी संपत्ति अपने करीबियों के नाम की थी। दीपक मित्तल ने 15 ऐसी सेल डीड (विक्रय विलेख) अपने करीबियों को किया। इनमें से दो सेल डीड ऐसी भी हैं, जिनमें कुछ भी धनराशि का टोकन नहीं दिया गया है।
फरार होने से पहले दीपक मित्तल ने राजपुर रोड स्थित अपने करीब 20 करोड़ रुपए के घर को महज पांच करोड़ रुपए में किसी करीबी को बेच दिया। आरोपित ने अपने घर व अन्य संपति को ईडी के अटैचमेंट से बचाने के लिए यह सब किया गया है
ईडी की जांच के बाद अब पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप की ओर से बनाई गई एसआइटी ने भी इन संपतियों की जांच शुरू कर दी है। एसआइटी ने इन संदिग्ध संपत्तियों को चिह्नित करते हुए दस्तावेज तलब किए हैं। कुछ खरीदारों से एसआइटी ने पूछताछ भी की है।
इसके अलावा एसआइटी ने जब आरोपित दीपक मित्तल व उसकी पत्नी राखी मित्तल के खातों की जांच की तो पाया कि कई ट्रांजेक्शन ऐसी हैं जोकि एक ही खाते में की गई हैं। एसआइटी ने इसे संदिग्ध मानते हुए इन व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। कुछ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी कार्रवाई की जा रही है।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक परियोजना के अहम बिंदु
पुष्पांजलि की आर्किड पार्क (फेज एक व दो) समेत एमिनेंट हाइट्स परियोजना के 90 के करीब फ्लैट खरीदार कब्जे के लिए चार-पांच साल से भटक रहे हैं।
बिल्डर दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल वर्ष 2020 से ही फरार हैं।
परियोजनाओं का निर्माण वर्ष 2018 से ही बंद है और खरीदारों के करीब 45 करोड़ रुपये फंस गए हैं।
फ्लैट खरीदारों की ओर से रेरा में 64 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं, जबकि पुलिस में नौ मुकदमे पंजीकृत हैं।
परियोजना के निर्माण के लिए पीएनबी की इंदिरा नगर शाखा से लिया गया 21 करोड़ रुपये का ऋण एनपीए घोषित हो चुका है, हालांकि, खरीदारों के हित को देखते हुए सरफेसी एक्ट के तहत नीलामी पर रेरा की रोक है।
प्रकरण में मनी लांड्रिंग को देखते हुए ईडी मार्च 2022 में परियोजना व निदेशकों के फ्लैट अटैच कर चुका है।
रेरा ने फ्लैट खरीदारों की मांग पर अन्य बिल्डर से परियोजना पूर्ण कराने के विकल्प पर विचार किया, लेकिन प्रकरण की पेचीदगी को देखते हुए बात आगे नहीं बढ़ पा रही।
फ्लैट खरीदारों की परेशानी को देखते हुए अब रेरा ने अन्य बिल्डर से अधूरी परियोजना को पूरा कराने की दिशा में कुछ कदम बढ़ाए हैं।
दीपक मित्तल के मामले में संपत्ति को लेकर खरीदाराें के बारे में जांच चल रही है। पता चला है कि दीपक मित्तल ने फरार होने से पहले कुछ संपत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम की थी। इसके अलावा मित्तल की ओर से कुछ खातों में रकम भी ट्रांसफर करने की जानकारी भी मिली है। उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जल्द ही इस मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। – राजीव स्वरूप, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र

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