गठन के बाद वक्फ बोर्ड के पास 90 संपत्तियां आईं, जिलाधिकारियों ने राजस्व में नहीं चढ़ाई
उत्तराखंड राज्य के अन्तर्गत आने वाली 2032 सुन्नी एवं 21 शिया वक्फ संपत्तियों पर इस बोर्ड का नियंत्रण करने का आदेश केंद्र ने जारी किया था। आज राज्य के वक्फ बोर्ड के पास 2146 औकाफ और इनकी 5388 संपत्तियां हैं। इस गठन के बाद से अब तक वक्फ बोर्ड के पास राज्य की करीब 90 नई संपत्तियों के प्रस्ताव आए हैं।
उत्तराखंड में गठन के बाद से अब तक वक्फ बोर्ड के पास विभिन्न जिलों से 90 संपत्तियां आईं। बोर्ड ने इन्हें राजस्व रिकॉर्ड में शामिल करने की पूरी जद्दोजहद भी की लेकिन आज तक ये रिकॉर्ड में शामिल नहीं हुईं। अब नए वक्फ संशोधन कानून के आने के बाद इन संपत्तियों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
पांच अगस्त 2003 को पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को अलग करते हुए उत्तराखंड राज्य के अन्तर्गत आने वाली 2032 सुन्नी एवं 21 शिया वक्फ संपत्तियों पर इस बोर्ड का नियंत्रण करने का आदेश केंद्र ने जारी किया था। आज राज्य के वक्फ बोर्ड के पास 2146 औकाफ और इनकी 5388 संपत्तियां हैं। इस गठन के बाद से अब तक वक्फ बोर्ड के पास राज्य की करीब 90 नई संपत्तियों के प्रस्ताव आए हैं।
वर्ष 2013 में वक्फ संशोधन कानून आने के बाद करीब 50 संपत्तियां आईं। सरकारी सिस्टम की सुस्ती की वजह से आज तक ये राजस्व रिकॉर्ड में शामिल नहीं हो पाईं। वक्फ बोर्ड ने नियमानुसार जिलाधिकारियों से इन संपत्तियों का वेरिफिकेशन कराया। वेरिफिकेशन रिपोर्ट आने के बाद वक्फ बोर्ड ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को इन संपत्तियों को राजस्व रिकॉर्ड में शामिल करने के प्रस्ताव भेजे। आज तक किसी जिलाधिकारी ने इन प्रस्तावों पर गौर नहीं किया। नतीजतन जो नई संपत्तियां आईं, वे वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में तो हैं लेकिन सरकार के राजस्व रिकॉर्ड में शामिल नहीं हैं।
नए वक्फ संशोधन कानून से नुकसान की आशंकात
नया वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद इस तरह की संपत्तियां को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। समुदाय के लोगों को ये डर है कि कहीं ये संपत्तियां इस कानून के कारण वक्फ से अलग न हो जाएं। हालांकि वक्फ बोर्ड के अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि इस तरह के कोई निर्देश उन्हें नहीं मिले। फिलहाल संबंधित जिलों से प्रस्तावों के तहत राजस्व रिकॉर्ड अपडेट होने का इंतजार बरकरार है।
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