यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के बाद केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को दिपावली के आसपास एक और बड़ा तोहफा दे सकती है. पेंशन के बाद अब 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सरकारी कर्मचारी अपने वेतन और पेंशन में संभावित संशोधनों का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. 8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ी वृद्धि हो सकती है. एक करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लभा मिलेगा.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन की तैयारी कर रही है और इसकी फाइल लगभग तैयार है. कहा जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग का गठन 2025 में किया जा सकता है, जिसकी सिफारिशें 2026 से लागू होने की संभावना है. यह समयसीमा दो वेतन आयोगों के बीच 10 वर्ष के अंतराल के अनुरूप है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं.
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है. इसके तहत विशेषज्ञों की समिति महंगाई, आर्थिक स्थिति, खर्च जैसे विभिन्न आर्थिक और सामाजिक कारकों का अध्ययन करती है. फिर आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को पेश करता है.
अनुमानों के अनुसार 8वें वेतन आयोग लागू होने से लेवल 1 का वेतन 34,560 रुपये तक बढ़ सकता है, जबकि लेवल 18 का वेतन 4.8 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. साथ ही यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) के तहत पेंशन भी पढ़ जाएगी.
न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये तक हो सकता है
रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग का वेतन मैट्रिक्स 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का उपयोग करके तैयार किए जाने की संभावना है. इस फिटमेंट फैक्टर के साथ 7वें वेतन आयोग के अनुसार लेवल 1 के लिए वर्तमान न्यूनतम वेतन 1800 के ग्रेड पे के साथ 18,000 रुपये है, जिसे 8वें वेतन आयोग के तहत 34,560 रुपये तक संशोधित किया जा सकता है.
कैबिनेट सचिव के पद के लिए केंद्र सरकार में निर्धारित उच्च वेतनमान लेवल 18 है. इसके लिए अधिकतम वेतन वर्तमान में 2.5 लाख रुपये है. 8वें वेतन आयोग के तहत अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 है, तो सरकारी क्षेत्र में अधिकतम वेतन को 4.8 लाख रुपये किया जा सकता है.
8वां वेतन आयोग के बाद पेंशन की गणना
यूपीएस के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के औसत मासिक वेतन का 50 प्रतिशत निर्धारित की जाएगी. 2004 में भर्ती हुए कर्मचारी 2029 में सेवानिवृत्त होंगे. अगर 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में लागू होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 34,560 रुपये होने का अनुमान है, जबकि अधिकतम वेतन 4.8 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. कर्मचारियों को जनवरी 2029 तक उनके वेतन पर पांच डीए बढ़ोतरी भी मिल सकती है. प्रत्येक संशोधन में 4 प्रतिशत की वृद्धि मानते हुए 2029 तक डीए की कुल वृद्धि मूल वेतन का 20 प्रतिशत तक होगी. इसलिए 34,560 रुपये के वेतन के लिए 20 प्रतिशत डीए में 6,912 रुपये जुड़ेंगे, इस वेतन राशि वाले व्यक्ति को 20,736 रुपये की पेंशन मिल सकती है, क्योंकि इसकी गणना लेवल 1 वालों के लिए मूल वेतन और डीए के 50 प्रतिशत के रूप में की जाती है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 4.8 लाख रुपये के अधिकतम वेतन वाले व्यक्ति के लिए, 96,000 रुपये के डीए के साथ पेंशन 2,88,000 रुपये हो सकती है, जो जनवरी 2029 में उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत
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